Friday, August 19, 2011

अन्ना

सत्य राजनैतिक नहीं होता
सिर्फ नैतिक होता है.
वह गाँधी टोपी पहने
लोगों में गाँधी बोता है .

सत्य अजर होता है.
उसकी धमनियों में
रक्त
युवा दौड़ता है .

सत्य का धर्म केवल सत्य है
उसकी जाती केवल सत्य है .
बामन या शुद्र नहीं सत्य .
धनवान या धनहीन नहीं सत्य .

राजाओं से ऊंचा सिंहासन
है इसका,
जड़ों से गहरी इसकी जड़े हैं.
यह सत्य , कभी अर्ध नहीं होता.
यह सत्य , कभी दर्द नहीं होता .
जटिल नहीं होता
मलिन नहीं होता
सत्य ये .

बहुत दिनों बाद
सत्य ने कुछ माँगा है .
हम उसे न नहीं कहेंगे .

बहुत दिनों बाद
सत्य हिंदुस्तान आया है ,
बहुत दिनों बाद
सत्य दिल्ली की और चला है .

मैने सुना है कोई नया नाम
खोजा है उसने .
और वही नाम
अब चाहते हैं शहर भर में
सारे .

मैं भी - अन्ना हजारे .

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